वाई आई एस न्यूज़। मुरादाबाद । यूपी।
माघ कुम्भ प्रयागराज में प्रकृति धर्म मंथन में नैपालसिंह पाल को मिला राष्ट्रीय पर्यावरण मित्र सम्मान 2024![]()
संगम नगरी प्रयागराज में माघ मेला के अवसर पर श्री आद्य शंकराचार्य धर्मस्थान संसद माघ मेला प्रयागराज उत्तर प्रदेश एवम पीपल नीम तुलसी अभियान पटना बिहार के संयुक्त तत्वाधान में 3 और 4 फरवरी को दो दिवसीय राष्ट्रीय प्राकृतिक धर्म मंथन शिविर का आयोजन किया गया।
समापन सत्र के दौरान देश भर में प्रकृति पर्यावरण जागरूकता संरक्षण और संवर्धन कार्य करने वाले सभी प्रकृति पर्यावरण योध्दाओ/प्रहरियों और सामाजिक कार्यकर्ताओ को सम्मानित किया गया।
इसी क्रम में पर्यावरण सचेतक नैपालसिंह पाल संस्थापक/महासचिव प्रकृति सेवा समिति ट्रस्ट और ब्रांड एम्बेसडर नगर निगम मुरादाबाद को भी पूर्वाम्नाय गोवर्धनपुरी पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री अधोक्षजानंद देवतीर्थ जी महाराज और पीपल नीम तुलसी अभियान के संस्थापक डॉ धर्मेन्द्र कुमार ने संयुक्त रूप से अंगवस्त्र , मोमेंटो , प्रमाण पत्र भेंट कर राष्ट्रीय पर्यावरण मित्र सम्मान 2024 से सम्मानित किया।
इलाहाबाद विश्वविधालय के वनस्पति विज्ञान विभाग के प्रोफेसर एन.वी सिंह ने उत्तर प्रदेश का राज्य वृक्ष सीता अशोक का पौधा भेंट किया।
दो दिवसीय प्रकृति धर्म मंथन शिविर में प्रथम दिन संगम स्नान के बाद माघ मेला परिसर में जगह जगह नुक्कड़ नाटक करके श्रद्धलुओ को प्रकृति पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक किया। सुलील कुमार मुजजफरपुर बिहार ने कठपुतली के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। सुबह को संगम स्नान के दौरान गंगा स्वच्छता के लिए भी अभियान चलाया गया।
प्रकृति धर्म मंथन में पीपल, नीम और तुलसी लगाने की अपील की गई।माघ मेला के सेक्टर पांच स्थित स्वामी अधोक्षजानंद देव तीर्थ शिविर में दो दिवसीय प्रकृति धर्म आध्यात्म मंथन का रविवार को समापन हो गया। बिहार के डा. धर्मेंद्र कुमार के संयोजन में हुए कार्यक्रम में पड़ोसी देश नेपाल , उड़ीसा, यूपी, बिहार, छत्तीसगढ़ आदि राज्यों के पर्यावरण प्रेमी शामिल हुए। उन्होंने कहा कि पानी, हवा और भूमि में हो रहे प्रदूषण से मुक्ति के लिए पौधारोपण जरूरी है। हसदेव जंगल बचाने व जीवनदायिनी नदियों के अस्तिव को बनाये रखने की भी बात उठाई गई।
नेपाल से आए राम गुलाम कर्ण ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण सबकी आवश्यकता है। हम सबको इसमें जुड़कर काम करना चाहिए। नेपाल की कमला नदी के जीर्णोद्धार के लिए उन्होंने काम किया था। उसके बारे में लोगों को बताया। नेपाल भारत मैत्रेई संघ के सदस्य विक्रम ने कहा कि सांस हो रही कम, पेड़ लगाए हम। बिहार से आए नाज मोहम्मद ने पालीथिन के बहिष्कार की अपील की। साथ ही बताया कि मक्के छिलके से कई जरूरी वस्तुएं बनाई जा सकती है। प्लास्टिक से बनने वाली वस्तुएं मक्के के छिलके से बनाई जा सकती है। फतेहपुर से आए रोहित उमराव ने गंगा मुंडमाल परिक्रमा का अनुभव साझा किया। इस मौके पर छोटी नदियां बचाओ अध्यक्ष ब्रिजेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि कुलों में अब जल कथा अभियान शुरू किया जायेगा। मुजफ्फरपुर से आए ब्रजेश कुमार ने कई पौधों के बीज लोगों को बांटा। नोएडा से आई डा. हर्ष प्रभा की पुस्तक का विमोचन भी इस कार्यक्रम में हुआ। डा. समीर अंसारी ने कहा कि पेड़ पौधे कम हुए तो सांसों का संकट हो जाएगा। इसलिए पौधे लगाएं और सांसों को प्रदूषित होने से बचाएं। उड़ीसा से आए मनोज जागा ने हसदेव जंगल के उजाड़े जाने की व्यथा बताई। उन्होंने बताया कि वहां पर सरकारी स्तर पर जंगल काटा जा रहा है। उस जंगल के नीचे कोयले की खदान है। उसकी नीलामी कर दी गई और कई किलोमीटर का जंगल काटा जा रहा है। वहां के लोग उसे बचाने में लगे हैं और सरकारी स्तर पर उसे उजाड़ा जा रहा है। उन्होंने उस जंगल को बचाने की अपील की है। पर्यावरण सचेतक नैपालसिंह पाल ने कहा कि प्रकृति पर्यावरण संरक्षण हम सभी की जिम्मेदारी है। हरे पेड़ पौधे ही प्रकृति में ऑक्सीजन की प्राकृतिक फैक्ट्री है। जो हमें प्राणवायु प्रदान करते हैं। राष्ट्रीय वृक्ष बरगद को सम्मान नहीं मिला है जबकि अत्यधिक जैविविधता को बनाये रखता है और उत्तर प्रदेश के राज्य वृक्ष सीता अशोक की संख्या बढ़ाने पर बल दिया। बिहार से आए लोक गायक सुनील कुमार ने नाट्य मंचन के जरिए पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक किया। अंत में स्वामी अधोक्षजानंद ने प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किया।
कार्यक्रम का संचालन पर्यावरण सचेतक नैपालसिंह पाल व आभार अभिव्यक्ति मंटू कुमार ने की। इस मौके पर अनुपम मिश्रा, प्रवीण कुमार, अमित मरकंद, दिलीप यादव, कन्हैया, सनी कुमार, विपिन कुमार, दिलीप कुमार यादव, निर्मल सिंह,आलोक कुमार, डा अमित, सुभाष सिंह, शिवम विक्रम पटेल , राजेन्द्र सिंह पटेल ,राम बहादुर आदि उपस्थित रहे।





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