वाई आई एस न्यूज़। संभल। यूपी।
संभल: हर्षोल्लास से मनाया सरस्वती पूजन एवं वसंतोत्सव।
संभल में रविवार को अंतर्राष्ट्रीय साहित्य कला संगम के स्थापना दिवस पर सरस्वती पूजन, वसंतोत्सव एवं निराला जयंती का समारोह भव्यता पूर्वक आर्य समाज मंदिर मोहल्ला ठेर में आयोजित हुआ। समारोह का प्रारंभ सामूहिक सरस्वती पूजन दीप प्रज्वलन एवं माल्यार्पण से प्रारंभ किया गया।
इस मौके पर संस्था अध्यक्ष डॉ. विजय लक्ष्मी शर्मा ने अपने मधुर कंठ से सर्वप्रथम महाकवि निराला द्वारा रचित सरस्वती वंदना वर दे वीणा वादिनी वर दे तथा भारत वंदना प्रस्तुत की और पूजा शर्मा ने गौ सेवा की प्रक्रिया पूर्ण की।
संस्था के निर्देशक संजय कुमार गुप्ता ने संस्था का परिचय देते हुए बताया कि संस्था गौ सेवा बालिका शिक्षा सहायता और हिंदी प्रतिभा सम्मान तथा शिक्षक शिरोमणि सम्मान जैसे कार्यक्रम आयोजित कर मातृभाषा की उन्नति में संलग्न है।
इस अवसर पर अपना वक्तव्य देते हुए संस्थापक डॉक्टर डीएन शर्मा ने कहा कि गीता में भगवान कृष्ण ने ऋतुओं में स्वयं को वसंत ऋतु कहा है यही कारण है कि छह ऋतुओं में वसंत का स्थान सर्वोपरि है, वसंत हमें आगे बढ़ने और पराक्रम करने की प्रेरणा देता है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रधानाचार्य रवीन्द्र कुमार शर्मा ने कहा कि वसंत में सरस्वती पूजन हमारी प्राचीन प्रथा का अंग है।
समारोह अध्यक्ष बाल विद्या मंदिर के प्रधानाचार्य मनीष पंवार ने छायावाद के प्रमुख स्तंभ महाकवि निराला की प्रसिद्ध कविता, वह तोड़ती पत्थर सुना कर श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया। इस अवसर पर आयोजित कवि गोष्ठी का प्रारंभ करते हुए मंच संचालक पूनम रेनू तिवारी ने निराला जी की प्रसिद्ध कविता, वह आता-दो टूक कलेजे के करता पछताता पथ पर आता भिक्षुक नामक, कविता सुनकर सभी का ध्यान आकर्षित किया।
कार्यक्रम में शालिनी रस्तोगी नें, देखो वसंत ऋतु है आई बागों में कल-की प्रस्तुति दी।
टीम: वाईआईएस न्यूज़ चैनल मुरादाबाद।
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