Friday, October 20, 2023

भावनाएं साहित्य से बनती है। अभिषेक (राष्ट्रवादी)

वाई आई एस न्यूज़ । बिलारी । मुरादाबाद । यूपी। भावनाएं साहित्य से बनती है।
कहते है कि किसी देश या समाज को अगर गुलाम बनाना है। तो उससे साहित्य रचने की क्षमता छीन लो। भावनाएं साहित्य में बस्ती है। इंसानों की पूरी बस्ती से साहित्य निकाल दो, उसके बाद उस समाज से भावनाएं धीरे धीरे लुप्त हो जायेगी। जब हम अपनी भावनाओं को शब्द देना बंद कर देगे। तो वे क्षणिक हो जायेंगी। सामाजिक स्मृति अल्पजीवी होती है। इसलिए समाज को जागरूक करने के लिए, एवम भौतिक ज्ञान और आध्यात्मिक ज्ञान के लिए साहित्य का होना आवश्यक है। अभिषेक (राष्ट्रवादी) बिलारी मुरादाबाद

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